पवन सिंह: भोजपुरी फिल्मों के पावर स्टार पवन सिंह आज अपने सिंगिंग करियर में सफलता के शिखर पर हैं. पवन सिंह की फैन फॉलोइंग भी काफी तगड़ी है. लोग उनके चेहरे को अपनी छाती पर गुदवाते हैं। इससे पता चलता है कि लोग उन्हें कितना प्यार करते हैं। पवन सिंह को यह शोहरत रातों-रात नहीं मिली, बल्कि इसके पीछे एक लंबा संघर्ष है। आज हम विवादित बादशाह कहे जाने वाले पवन सिंह के संघर्ष को करीब से जानने की कोशिश करेंगे। तो चलिए विस्तार से जाने।
पवन सिंह ने 8 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। वह उस उम्र से ही स्टेज शो किया करते थे। उस समय स्टेज शो से इतनी कमाई नहीं होती थी कि उनकी आर्थिक स्थिति सुधर जाए। पवन सिंह उस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और स्टेज शो के लिए दूर-दूर तक साइकिल से ही जाया करते थे। उनके यात्रा साथी और गुरु चाचा उनका मार्गदर्शन करते हैं। आज पवन सिंह किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। पवन सिंह के जीवन में उनके चाचा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने ही पवन को संगीत के क्षेत्र में आगे बढ़ाया और उन्हें संगीत सिखाया।
पवन सिंह अक्सर इंटरव्यू में यह कहते देखे जाते हैं कि वे अपने अंकल के साथ मिलो डोर के स्टेज शो में जाया करते थे. बचपन में कई बार सो जाते तो चाचा आंख बंद करके आंसू बहाते। पवन की जिंदगी में अंकल और मां किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। उन्होंने केवल जीवन का मार्ग दिखाया। पवन सिंह ने भले ही मैट्रिक पास किया हो लेकिन गायन में वह बहुत अच्छा कर रहे हैं। आर्थिक तंगी से जूझ रहे पवन सिंह राज लाखों रुपये की कारों में घूमते थे।