प्याज की कीमत : टीमटर की बढ़ती कीमतों का असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है. कहा जा रहा है कि आम लोगों को प्याज के आंसू बहाने पड़ सकते हैं. ऐसे में टमाटर की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार अब सतर्क हो रही है. इस बारे में उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह का कहना है कि सरकार के पास इस साल 3 लाख टन प्याज का स्टॉक जमा हो गया है.
यह पिछले वर्षों की तुलना में 20 प्रतिशत तक अधिक है। इसके साथ ही सरकार ने प्याज की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए हैं. प्याज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) के सहयोग से प्याज विकिरण का परीक्षण किया गया है। बता दें, वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने प्याज का स्टॉक 2.51 लाख टन रखा था.
सरकार प्याज का स्टॉक क्यों बढ़ा रही है
सरकार द्वारा प्याज का स्टॉक बढ़ाने का एक कारण यह भी है कि अगर कम आपूर्ति वाले सीजन के दौरान प्याज की कीमतों में अचानक वृद्धि होती है, तो ऐसी स्थिति में मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत यह बफर स्टॉक खोला जाता है। जा सकता है।
रोहित सिंह का कहना है कि त्योहारी सीजन में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने अपना स्टॉक बढ़ा दिया है. इस साल 3 लाख टन तक प्याज की खरीद की गई है ताकि आने वाले समय में प्याज को लेकर कोई दिक्कत न हो. बता दें, सरकार के पास जो प्याज है वो इसी साल की रबी फसल का है. फिलहाल खरीफ सीजन की बुआई चल रही है और अक्टूबर तक इसकी आवक बढ़ सकती है.
प्याज की औसत खुदरा कीमतें
इस साल सरकार द्वारा पीएसएफ के तहत रबी-2022 फसल में रिकॉर्ड 2.51 लाख मीट्रिक टन प्याज की खरीद की गई. सितंबर 2022 और जनवरी 2023 में कई जगहों पर इसकी आपूर्ति की गई। अप्रैल और जून के दौरान उत्पादित प्याज का 65 प्रतिशत हिस्सा सरकार के पास है, जबकि 15 जुलाई तक प्याज की औसत खुदरा कीमत 26.79 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जबकि अब अधिकतम कीमत प्याज 65 रुपये प्रति किलो है और न्यूनतम 10 रुपये प्रति किलो है.