समाचार डेस्क: जब एक गरीब परिवार का बेटा अधिकारी बने तो माता-पिता के लिए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में घाटीगांव डीएसपी संतोष पटेल अपने काम को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। संतोष ने पिछले दिनों अपनी मां के साथ एक वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में एसडीपीओ संतोष पटेल अपनी मां से मिलने खेत पहुंचे हैं. वहां उन्होंने अपनी मातृभाषा में बात की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
डीएसपी संतोष पटेल इन दिनों अपने नवाचारों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। वह 3 दिन पहले गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के दौरान सतना में ड्यूटी पर गए थे। वहां से लौटते समय संतोष वर्दी पहनकर पन्ना जिले के देव गांव पहुंचा। संतोष उससे मिलने खेत में पहुंचता है क्योंकि उसकी मां घर पर नहीं है। वर्दीधारी संतोष और उसकी मां के बीच स्थानीय भाषा में भावनात्मक बातचीत हुई।
संघर्ष यात्रा : संतोष पटेल का बचपन संघर्ष में बीता। पन्ना जिले के देबगांव निवासी संतोष उसी गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ता था। संतोष को पढ़ाई के अलावा पत्थर तोड़ने, जंगल में पेड़ लगाने और इमली इकट्ठा करने में अपने पिता की मदद करनी पड़ी। उसके बाद उन्हें पन्ना के उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवेश मिल गया। यहां से 10वीं और 12वीं पास की। उसके बाद उन्होंने आईआईटी पास किया और भोपाल से सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स पूरा किया।
2015 में संतोष ने प्रण लिया कि वह तब तक जीवित नहीं रहेंगे जब तक उन्हें रेड लाइट की नौकरी नहीं मिल जाती। इसको लेकर ग्रामीण संतोष को ताने मारते थे। इस बीच संतोष को फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी मिल गई। फॉरेस्ट गार्ड की नौकरी करते हुए अपनी जिद को पूरा करने के लिए पढ़ाई जारी रखें। आखिरकार 2018 में संतोष का चयन पुलिस उपाधीक्षक के पद पर हुआ। इस खबर को सुनकर संतोष के परिवार सहित पूरा गांव खुशी से झूम उठा।