Wednesday, September 27, 2023
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महंगाई ने खड़ी की मुसीबतें! दाल के कीमत में हुई ₹30 की बढ़ोतरी, जानें


Business : सबसे पहले सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी देखी गई है जिसके बाद अब मसाले और खाने पीने की चीजों में बढ़ोतरी हो रही है। देखा जाए तो टमाटर और मसालों की कीमतें आसमान छू रही हैं तो दूसरी तरफ अब दाल की कीमत में बढ़ोतरी होने से आम आदमी पूरी तरह टूट चुका है।

देश में बढ़ती हुई महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है और उसके खाने के भी लाले पड़े हुए है। गरीब लोगों के लिए दाल ही सबसे सही भोजन था और अब वो भी महंगी हो रही है। जिसके बाद गरीब लोग अब कोई खाने पीने की चीज खरीदने से पहले 10 बार सोचते है।

देखा जाए तो पिछले 1 महीने में दाल की कीमत में सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी गई है। इस बढ़ती हुई है कीमत के कारण लोगों ने दाल खरीदना भी छोड़ दिया है। दाल में भी अरहर की दाल की कीमत आसमान छू रही है। पिछले सप्ताह अरहर दाल की कीमत 100 से 120 रुपये प्रति किलो थी जो अब 200 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच चुकी है।

इस कारण लोगों ने अरहर की दाल खाना ही बंद कर दिया है। जबकि केंद्र में बैठी मोदी सरकार द्वारा दाल की कीमतों में कमी करने के लिए हर प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन फिर भी महंगाई अपनी चरम सीमा पर है।

मॉनिटरिंग के लिए हुई कमेटी गठित

केंद्र सरकार द्वारा दाल की कीमतों में कमी करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। दाल की कालाबाजारी रोकने और दाल का गैरकानूनी रूप से स्टॉक रखने वालों पर भी कार्रवाई कर रही है और इसके लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित की गई है। ये फैसला सरकार ने मार्च में ले लिया था, जबकि अब तक भी दाल की कीमत में कमी के बावजूद बढ़ोतरी ही देखने को मिल रही है।

केंद्र सरकार ऐसा सोच रही थी कि कई बड़े व्यापारी दाल का गैरकानूनी रूप से स्टॉक कर रहे हैं और इससे मंडी में दाल की आवक कम हो चुकी है जिसके कारण लगातार दाल की कीमत बढ़ती जा रही हैं। लेकिन सरकार द्वारा गठित की गई कमेटी ने देश के कई राज्यों में छापेमारी की है जिसमें तमिलनाडु सहित कई राज्य मौजूद है। लेकिन फिर भी दाल की कीमत लगातार बढ़ती ही जा रही है।

200 टन से ज्यादा नहीं रख सकते स्टॉक

केंद्र सरकार द्वारा 2 जून से लेकर 31 अक्टूबर तक दाल के स्टॉक की लिमिट तय कर दी गई है। अगर कोई व्यापारी इस सीमा से अधिक दाल का स्टॉक रखता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का ये नियम थोक विक्रेताओं, मिल मालिक और रिटेलर्स के साथ-साथ आयात करने वालों पर भी लागू होगा। आदेश के अनुसार रिटेल व्यापारी 5 टन से अधिक, थोक विक्रेता 200 टन स्वागत अधिक और दाल की किसी एक किस्म का स्टॉक 100 टन से अधिक नहीं रख सकते है।



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