हम यह दोस्ती नहीं तोड़ेंगे। हालांकि यह देखने और सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह पूरी तरह सच है। यहां इंसान और चिड़िया की दोस्ती भी मिसाल बन जाती है। बिना किसी स्वार्थ के आरिफ और सरस की दोस्ती इतनी पक्की हो जाती है कि अब दोनों एक दूसरे के बिना एक पल भी नहीं बिता पाते हैं।
आरिफ ने एक साल पहले घायल सारस के घाव पर मरहम लगाया था। वक्त के साथ जहां वो घाव भर जाता है वहीं दोस्ती और भावनात्मक जुड़ाव की एक अनोखी कहानी भी लिखी है। जिसकी कहानी अब हर दिन सामने आ रही है. जामो प्रखंड के मांडका गांव में राष्ट्रीय पक्षी सारस और 30 वर्षीय युवक आरिफ की दोस्ती हकीकत बन गई है.
आरिफ मार्च 2022 में अपने खेत में गया था। वहां उसे एक सारस घायल मिला। वह थोड़ा और पास गया तो देखा कि उसका पैर टूट गया है। बेबस सारस आरिफ को तरस भरी निगाहों से देखने लगा तो आरिफ ने उसे उठाकर अपने कमरे में ले आया और मलहम लगाया।
अब घर में सभी को सारस से प्यार हो गया है: आरिफ की सेवा ने सारस के मन को इतना आकर्षित किया कि वह उसके घर में रहने लगा। अपने 4 साल के बेटे अराश और 6 साल की बेटी अरीबा की तरह, आरिफ अपने दोस्त की देखभाल करता है, जबकि उसकी पत्नी, मां और बहन सारसों के लिए भोजन और नाश्ता तैयार करती हैं, जैसा कि परिवार के अन्य सदस्य करते हैं।
आरिफ के साथ सारस खाता है
यह चिड़िया आरिफ के आसपास भी घूमती है। आरिफ के पिता लाल बहादुर ने कहा, बगुला आरिफ के साथ खाना खाता है। जब भी वह घर से बाहर जाता है तो सारस भी उसका साथ देने की कोशिश करता है। ऐसे में कई बार आपको उनसे छुप छुप कर दूर जाना पड़ता है।